top of page
खोज करे

Navratri 2021 : मां के डोली पर आगमन से बढ़ेंगी परेशानियां, हाथी पर प्रस्थान रहेगा शुभ


7 अक्टूबर से होगी नवरात्र की शुरुआत, 15 को विजयादशमी

सुबह 6.10 से अपराह्न 3. 37 बजे तक कर सकते हैं कलश स्थापना


शारदीय नवरात्र की शुरुआत 7 अक्टूबर से होगी। पंचमी और षष्ठी तिथि एक ही दिन (11 अक्टूबर) पड़ने के कारण इस वर्ष नवरात्र आठ दिनों का ही हो रहा है। सात अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 10 मिनट के बाद कलश स्थापना का मुहूर्त बन रहा है जो दोपहर 3 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। 11 अक्टूबर षष्ठी तिथि को बिल्वा निमंत्रण दिया जाएगा। 12 अक्टूबर (सप्तमी) को सुबह बिल्वा तोड़ी की पूजन के बाद मां दुर्गा का पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। 13 अक्टूबर को महाष्टमी है, जबकि 14 अक्टूबर को महानवमी, कुमारी पूजन, हवन आदि कार्यक्रम होंगे। 15 अक्टूबर को विजयादशमी, नवरात्र व्रत पारण, देवी प्रतिमा विसर्जन, अपराजिता पूजा, शमी पूजा, निलकंठ दर्शन का मुहूर्त बन रहा है।



डोली पर आगमन, हाथी पर प्रस्थान

  • महिषासुर मर्दिनी का आगमन डोली पर हो रहा है। शास्त्रत्त् मर्मज्ञ इस माध्यम से मां का आना अच्छा नहीं मान रहे। आचार्य माधवानंद माता की सवारी को लेकर कहते हैं कि ‘डोलायां मरणं ध्रुवम’ मतलब डोली से आने वाली माता प्राकृतिक आपदा, महामारी आदि की तरफ इशारा करती हैं। हालांकि मां की विदाई हाथी पर हो रही है। आचार्य इसे शुभ सौभाग्य सूचक मानते हैं। वे कहते हैं कि हाथी पर जिस वर्ष विदाई होती है उस साल अच्छी वर्षा होती है। पूरे वर्ष तरह-तरह के शुभफल प्राप्त होते हैं।



7 दृश्य0 टिप्पणी

हाल ही के पोस्ट्स

सभी देखें
bottom of page